Sachin Pilot on Kashmir Issueभारत की राजनीति में कश्मीर मुद्दा हमेशा से संवेदनशील और महत्वपूर्ण विषय रहा है। केंद्र सरकार से लेकर विपक्षी दलों तक, सभी नेताओं ने समय-समय पर इस पर अपनी राय रखी है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के टोंक से विधायक सचिन पायलट ने भी इस मुद्दे पर अपना स्पष्ट मत प्रकट किया है। Sachin Pilot on Kashmir Issue हमेशा यही रहा है कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसके अंतरराष्ट्रीयकरण का विरोध किया जाना चाहिए।
1947 से अब तक भारत ने यही रुख रखा है कि कश्मीर मुद्दा एक द्विपक्षीय विषय है जिसे केवल भारत और पाकिस्तान आपसी बातचीत से सुलझा सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप को भारत ने हमेशा अस्वीकार किया है। इसी संदर्भ में Sachin Pilot on Kashmir Issue भी पूरी तरह से भारत सरकार की आधिकारिक नीति के अनुरूप है। पायलट का कहना है कि कश्मीर का समाधान लोकतांत्रिक प्रक्रिया और विकास के जरिए ही संभव है।
सचिन पायलट का मानना है कि अगर कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण किया जाता है तो यह न केवल भारत की संप्रभुता के खिलाफ होगा, बल्कि पाकिस्तान जैसे देशों को इसका गलत फायदा उठाने का मौका मिलेगा। Sachin Pilot on Kashmir Issue यह है कि वैश्विक मंचों पर इस विषय को उठाने से समस्या और जटिल होगी। इसके बजाय भारत को अपने लोकतांत्रिक ढांचे के भीतर समाधान तलाशना चाहिए।
शिमला समझौता और लाहौर घोषणा पत्र भारत और पाकिस्तान दोनों को यह याद दिलाते हैं कि सभी विवाद केवल द्विपक्षीय वार्ता से ही सुलझाए जा सकते हैं। सचिन पायलट भी इस बात पर ज़ोर देते हैं कि किसी भी तरह का बाहरी दबाव या हस्तक्षेप भारत की संप्रभुता पर प्रश्नचिह्न लगाता है। इसलिए Sachin Pilot on Kashmir Issue यही कहता है कि अंतरराष्ट्रीयकरण का विरोध और द्विपक्षीय संवाद का समर्थन ही एकमात्र समाधान है।
कश्मीर भारत का आंतरिक और संवेदनशील विषय है। किसी भी विदेशी हस्तक्षेप से यह और उलझ सकता है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट का रुख साफ है—Sachin Pilot on Kashmir Issue हमेशा भारत की संप्रभुता, अखंडता और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के साथ खड़ा है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसका विरोध और देश के भीतर विकास एवं शांति को बढ़ावा देना ही असली समाधान है।