
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का रायपुर दौरा बीते दो दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ है। छत्तीसगढ़ की राजधानी में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान पायलट ने संगठन की मजबूती, आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति, और केंद्र की भाजपा सरकार के विरुद्ध जनसंपर्क अभियान पर विस्तार से चर्चा की।
सचिन पायलट का रायपुर दौरा 8 जुलाई की सुबह शुरू हुआ, जब वे रायपुर एयरपोर्ट पहुंचे। वहां कांग्रेस के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। फूलों का गुलदस्ता भेंट कर और पारंपरिक वेशभूषा में मौजूद कार्यकर्ताओं ने अपने नेता का अभिवादन किया।
पायलट ने मीडिया से बातचीत में कहा:
“छत्तीसगढ़ मेरी दूसरी कर्मभूमि जैसी है। कांग्रेस कार्यकर्ता यहां अत्यंत समर्पित हैं और पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत बना रहे हैं।”
सचिन पायलट का रायपुर दौरा कांग्रेस कार्यालय में एक अहम बैठक के साथ आगे बढ़ा। इस बैठक में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, जिला अध्यक्ष, युवा कांग्रेस, NSUI, महिला कांग्रेस और सेवादल के प्रतिनिधि शामिल हुए।
पायलट ने बैठक में कहा कि:
“संगठन को यदि मजबूत करना है तो बूथ स्तर तक संवाद कायम करना होगा। प्रत्येक कार्यकर्ता की भागीदारी अनिवार्य है।”
बैठक में पार्टी के आगामी डिजिटल अभियान, बूथ सशक्तिकरण योजना और युवाओं को जोड़ने की रणनीति पर विशेष चर्चा हुई।
सचिन पायलट का रायपुर दौरा मीडिया से बातचीत के बिना अधूरा नहीं हो सकता। एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा:
“आज देश में महंगाई, बेरोजगारी और संस्थाओं पर नियंत्रण की स्थिति भयावह है। भारत को संविधान के अनुसार चलाना होगा, न कि किसी पार्टी विशेष के एजेंडे के अनुसार।”
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस जनता के मुद्दों को उठाने वाली एकमात्र पार्टी है और राहुल गांधी का ‘भारत जोड़ो यात्रा’ इसका प्रमाण है।
सचिन पायलट के रायपुर दौरे के दौरान उनका एक विशेष कार्यक्रम युवाओं के साथ संवाद था, जो रायपुर विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ। इसमें कॉलेज छात्रों, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं और युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भागीदारी रही।
पायलट ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा:
“देश का भविष्य युवा हैं, लेकिन आज उन्हें बेरोजगारी के संकट से जूझना पड़ रहा है। कांग्रेस युवाओं के लिए एक समर्पित नीति लेकर आएगी जिसमें शिक्षा, स्वरोजगार और स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा।”
सचिन पायलट का रायपुर दौरा केवल शहरी सीमाओं तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों का भी दौरा किया। उन्होंने किसानों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं जानी।
एक किसान ने बताया:
“सरकार ने फसल बीमा योजना तो चलाई, लेकिन क्लेम आज तक नहीं मिला।”
पायलट ने आश्वासन दिया कि कांग्रेस की सरकार आने पर ऐसी योजनाओं की समीक्षा कर किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी।
सचिन पायलट का रायपुर दौरा पार्टी के अंदरूनी समन्वय के लिए भी अहम रहा। उन्होंने छत्तीसगढ़ के विभिन्न नेताओं से व्यक्तिगत रूप से मिलकर चुनावी तैयारियों पर चर्चा की।
इस दौरान उन्होंने कहा:
“कांग्रेस में मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन मनभेद नहीं होने चाहिए। जब लक्ष्य एक है — जनकल्याण और भाजपा को हराना — तो एकजुटता ही हमारी ताकत होनी चाहिए।”
सचिन पायलट के रायपुर दौरे में डिजिटल प्रचार रणनीति को लेकर भी व्यापक विचार-विमर्श हुआ। उन्होंने सोशल मीडिया टीम को निर्देश दिए कि स्थानीय मुद्दों, जनभागीदारी और कांग्रेस की योजनाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाएं।
पायलट ने कहा:
“अब सोशल मीडिया ही सबसे बड़ा जनसंपर्क माध्यम है। हमें सकारात्मक मुद्दों के साथ जनता से जुड़ना होगा।”
सचिन पायलट का रायपुर दौरा 9 जुलाई को दोपहर बाद समाप्त हुआ। एयरपोर्ट पर एक बार फिर कार्यकर्ताओं ने उन्हें विदाई दी और “सचिन पायलट जिंदाबाद” के नारे लगाए।
इस दो दिवसीय दौरे ने कार्यकर्ताओं में नया उत्साह भर दिया है और कांग्रेस को एक नई ऊर्जा प्रदान की है।
सचिन पायलट का रायपुर दौरा सिर्फ एक राजनेता की औपचारिक यात्रा नहीं था, बल्कि यह कांग्रेस की भावी रणनीति का संकेतक था। संगठन को फिर से मजबूती देने, कार्यकर्ताओं से संवाद, और युवाओं को जोड़ने का उनका यह प्रयास निश्चित ही आने वाले समय में छत्तीसगढ़ और पूरे देश में कांग्रेस को मजबूत करने में कारगर साबित होगा।