राजस्थान की राजनीति में एक नई बहस छिड़ गई है। पूर्व मंत्री द्वारा लिखी गई एक किताब में Sachin Pilot 2028 के विधानसभा चुनाव में Tonk से हार जाने की संभावना जताई गई है। इस खुलासे ने कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी राजनीति को फिर से सुर्खियों में ला दिया है।
पूर्व मंत्री की इस किताब में लिखा गया है कि अगर Sachin Pilot 2028 में Tonk विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हैं, तो उनकी हार लगभग तय है। लेखक ने इसे राजनीतिक यथार्थ बताते हुए कहा कि टोंक में अब उनका जनाधार कमजोर हो चुका है और जनता का भरोसा घट रहा है।
इस किताब में Sachin Pilot vs Ashok Gehlot की राजनीतिक खींचतान को भी विस्तार से बताया गया है। लेखक का मानना है कि Ashok Gehlot की संगठन पर मजबूत पकड़ और रणनीतिक सोच ने Sachin Pilot 2028 की राह को मुश्किल बना दिया है।
सिर्फ पायलट ही नहीं, किताब में Rahul Gandhi की भी आलोचना की गई है। लेखक ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस की जमीनी राजनीति को नहीं समझ पा रहे हैं और इसी कारण पार्टी लगातार कमजोर हो रही है। यह Rajasthan Congress Conflict का अहम पहलू बताया गया है।
टोंक में विकास कार्यों की धीमी रफ्तार
पार्टी में गुटबाजी
क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं में असंतोष
Ashok Gehlot से टकराव
हाईकमान की निष्क्रियता
विशेषज्ञों का मानना है कि ये Political Revelations in Book चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकते हैं। इसका मकसद Sachin Pilot 2028 Tonk Election को प्रभावित करना हो सकता है।
“पायलट को कमजोर दिखाने की साजिश है।” – @YouthVoice
“टोंक में आज भी Sachin Pilot लोकप्रिय हैं।” – @LocalTonkVoter
“राजनीति में सब कुछ संभव है।” – @RajObserver
अगर Sachin Pilot 2028 में Tonk से चुनाव लड़ते हैं, तो उन्हें अपनी रणनीति को पूरी तरह बदलना होगा। Rajasthan Congress Conflict और Ashok Gehlot के साथ जारी सियासी खींचतान अगर समय रहते नहीं सुलझाई गई, तो हार की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
Sachin Pilot 2028 का टोंक चुनाव केवल एक विधानसभा सीट नहीं, बल्कि कांग्रेस की नई पीढ़ी के नेतृत्व की परीक्षा भी है। अगर पार्टी इस सियासी बिखराव को नहीं संभालती, तो Tonk Election 2028 में हार का सामना करना पड़ सकता है।