छत्तीसगढ़ की राजनीति इन दिनों एक बार फिर गर्म है, और इसकी वजह है Chaitanya Baghel’s Arrest। यह गिरफ्तारी न सिर्फ राज्य की राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर रही है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल मचा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट और नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत का रायपुर जेल जाकर चैतन्य बघेल से मिलना, इस पूरे घटनाक्रम को और भी राजनीतिक रंग दे गया है।
चैतन्य बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र हैं, जो एक उभरते हुए युवा नेता माने जाते हैं। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया है। ED का आरोप है कि उन्होंने आर्थिक अनियमितताओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हालाँकि कांग्रेस पार्टी का दावा है कि यह गिरफ्तारी पूरी तरह से राजनीतिक प्रतिशोध के तहत हुई है और Chaitanya Baghel’s Arrest एक साजिश का हिस्सा है जिसका उद्देश्य भाजपा विरोधियों को दबाना है।
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत जब रायपुर जेल पहुंचे, तो यह केवल एक मुलाकात नहीं थी, बल्कि यह भारतीय राजनीति में विपक्ष की एकजुटता का प्रतीक बन गया।
Chaitanya Baghel’s Arrest के बाद कांग्रेस लगातार इसे लोकतंत्र के खिलाफ कार्रवाई बता रही है और नेताओं की जेल में यह मुलाकात उसी श्रृंखला का हिस्सा है।
सचिन पायलट ने कहा:
“Chaitanya Baghel’s Arrest केवल एक कानूनी प्रक्रिया नहीं है, यह भारतीय लोकतंत्र पर हमला है। भाजपा सरकार जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष को डराने और चुप कराने के लिए कर रही है।”
उन्होंने आगे कहा:
“ED, CBI और IT जैसी संस्थाएं अब निष्पक्ष नहीं रहीं, ये भाजपा के राजनीतिक हथियार बन चुकी हैं। चैतन्य बघेल का मामला इसका ज्वलंत उदाहरण है।”
Chaitanya Baghel’s Arrest के बाद कांग्रेस ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, कोरबा, अंबिकापुर और अन्य शहरों में कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। पार्टी इसे लोकतंत्र की हत्या बता रही है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा:
“भाजपा जानती है कि वो 2025 में हार रही है, इसलिए हमारे नेताओं को डराने और जनता का ध्यान भटकाने के लिए ऐसी कार्रवाई कर रही है। लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं।”
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Chaitanya Baghel’s Arrest के बाद कांग्रेस को जमीन पर एकजुटता का मौका मिला है। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरफ्तारी भाजपा को चुनावों से पहले भारी पड़ सकती है क्योंकि इससे सहानुभूति लहर बन रही है।
सोशल मीडिया पर #JusticeForChaitanya ट्रेंड करने लगा है। कांग्रेस के सभी बड़े नेता – @sachinpilot, @bhupeshbaghelinc, @INCChhattisgarh और @DrCharanDasMahant – लगातार ट्वीट कर सरकार पर हमला कर रहे हैं।
उदाहरण:
“Chaitanya Baghel’s Arrest दिखाता है कि भाजपा लोकतांत्रिक संस्थाओं को अपने हित में कैसे मोड़ रही है। हम चुप नहीं रहेंगे।”
भाजपा की तरफ से अब तक कोई विस्तृत प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं हुई है, लेकिन कुछ नेताओं ने इसे कानूनी प्रक्रिया बताया है।
भाजपा प्रवक्ता ने बयान दिया:
“अगर किसी ने आर्थिक अपराध किया है तो जांच एजेंसियों का काम है कि वह कार्रवाई करें। कांग्रेस इसे राजनीति से जोड़कर सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रही है।”
Chaitanya Baghel’s Arrest को लेकर देशभर में एक सवाल खड़ा हो गया है – क्या देश की जांच एजेंसियाँ स्वतंत्र हैं?
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग को भाजपा अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है। सचिन पायलट ने कहा:
“अगर यही रवैया जारी रहा, तो जनता का इन संस्थाओं से भरोसा उठ जाएगा। लोकतंत्र की नींव ही डगमगा जाएगी।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी ने भी चैतन्य बघेल को लेकर अपना समर्थन जताया है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया:
“Chaitanya Baghel’s Arrest लोकतंत्र पर हमला है। यह लड़ाई एक व्यक्ति की नहीं, पूरे देश की है।”
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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि Chaitanya Baghel’s Arrest से कांग्रेस को आगामी चुनावों में “शिकार” दिखने का लाभ मिल सकता है। वहीं भाजपा इसे “भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम” के रूप में पेश कर रही है।
राजनीति में सहानुभूति और नैरेटिव की लड़ाई अब तेज़ हो चुकी है।
Chaitanya Baghel’s Arrest अब केवल एक कानूनी कार्रवाई नहीं रही, यह पूरे विपक्ष की एकजुटता और लोकतंत्र की रक्षा का प्रतीक बन चुकी है।
सचिन पायलट, चरणदास महंत, भूपेश बघेल और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का सक्रिय समर्थन यह दर्शाता है कि पार्टी इसे किसी भी कीमत पर छोड़ने को तैयार नहीं।
भाजपा सरकार जहां इसे भ्रष्टाचार विरोधी कदम बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ एक षड्यंत्र बता रही है।
जनता अब तय करेगी कि कौन सही और कौन गलत।