राजस्थान की राजनीति में कांग्रेस ने एक बड़ा कदम उठाते हुए ‘Vote Chori March Rajasthan Congress’ आयोजित किया। इस मार्च का उद्देश्य लोकतंत्र को बचाना और जनता तक वह संदेश पहुंचाना था, जो हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर देश के सामने रखा।
इस मार्च में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तिकराम जूली, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, और कांग्रेस के कद्दावर नेता सचिन पायलट एक साथ नजर आए। यह एकजुटता यह संदेश देती है कि राजस्थान कांग्रेस लोकतंत्र के इस गंभीर मुद्दे पर किसी भी समझौते के लिए तैयार नहीं है।
हाल ही में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि देश में चुनाव प्रक्रिया के दौरान पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। उनका कहना है कि अगर जनता का विश्वास चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था से उठ गया, तो यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक संकेत होगा।
‘Vote Chori March Rajasthan Congress’ इसी संदेश को जनता तक पहुंचाने के लिए किया गया ताकि देशभर के लोग लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट हों।
मार्च के दौरान नेताओं ने कहा कि देश में चुनाव पारदर्शी तरीके से होना बेहद आवश्यक है। लोकतंत्र तभी सुरक्षित रह सकता है जब चुनाव आयोग अपने कर्तव्यों को निष्पक्ष और जिम्मेदारीपूर्वक निभाए। कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग को किसी भी तरह के दबाव से मुक्त होकर काम करना चाहिए।
जनता के विश्वास की रक्षा – जनता को भरोसा हो कि उसका वोट सुरक्षित है।
चुनाव आयोग की निष्पक्षता – आयोग पर किसी का दबाव न हो।
लोकतंत्र की सुरक्षा – चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी और ईमानदार हो।
‘Vote Chori March Rajasthan Congress’ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र के मुद्दे पर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी। सचिन पायलट, अशोक गहलोत और गोविंद डोटासरा जैसे दिग्गज नेताओं का एक मंच पर आना जनता को यह संदेश देता है कि कांग्रेस लोकतंत्र की रक्षा के लिए पूरी तरह एकजुट है।